दिल्ली। बुध विहार थाना क्षेत्र के रिठाला में मंगलवार शाम प्लास्टिक बैग, टिशू पेपर और रूम फ्रेशनर स्प्रे बनाने वाली एक चार मंजिला फैक्टरी में भीषण आग लग गई। हादसे में चार लोगों की जलकर मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग बुरी तरह झुलस गए। इनमें दो की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। हताहतों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज जारी है। आग इतनी जबरदस्त थी कि इस पर काबू पाने में करीब साढ़े 13 घंटे लग गए। फिलहाल देर शाम तक मौके पर कूलिंग का काम जारी था। दमकल के अलावा पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रिठाला गांव में फैक्टरी को अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इसका मालिक सुरेश बंसल विदेश गया हुआ है। आने पर उससे पूछताछ की जाएगी।
तीन शवों के टुकड़े ही मिले-फिलहाल मृतकों में एक ही व्यक्ति की पहचान हो सकी है। बाकी तीन लोगों के शवों के टुकड़े ही बरामद हुए हैं। पुलिस ने इनको कब्जे में लेकर बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीएनए परीक्षण के बाद ही इनकी पहचान संभव हो पाएगी। जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया है कि हादसे के बाद लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। क्राइम टीम और एफएसएल ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। आग की वजहों का पता किया जा रहा है। हादसे में फैक्टरी मालिक का बेटा भी बुरी तरह झुलस गया है। पुलिस बाकी लोगों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन ने बताया कि मंगलवार शाम 7.29 बजे उनकी टीम को सूचना मिली कि रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास प्लास्टिक बैग बनाने की फैक्टरी में आग लग गई है और वहां कुछ लोग फंस गए हैं। खबर मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम ने कुछ ही देर में मौके से फैक्टरी मालिक के बेटे नितिन (31) के अलावा वहां काम करने वाले कर्मचारी राकेश (31)() और विरेंद्र (25) को निकालकर एंबुलेंस की मदद से बीएसए अस्पताल भेजा। नितिन व राकेश 80 फीसदी झुलस गए थे, उनको आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया गया है, जहां दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है। करीब 200 गज की इमारत में भूतल के अलावा ऊपर तीन मंजिले बनी हुई हैं। चौथी मंजिल पर कुछ हिस्से में लेंटर डाला हुआ है। पूरी चौथी मंजिल को टिन शेट से चारों ओर और छत को कवर किया हुआ है।
ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर इमारत के मालिक सुरेश बंसल व नितिन प्लास्टिक के बैग बनाने की फैक्टरी चलाते थे। दूसरी और चौथी मंजिल को इन्होंने आनंद नामक व्यक्ति को कपड़े वाले टिशू बनाने के लिए किराए पर दिया हुआ था। तीसरी मंजिल पर राकेश अरोड़ा नामक व्यक्ति की रूम फ्रेशनर बनाने की फैक्टरी थी। मंगलवार शाम को आग लगने के बाद उसने देखते ही देखते पूरी इमारत को अपने कब्जे में ले लिया। नितिन, राकेश और विरेंद्र को तो किसी तरह वहां से निकाल लिया गया। इमारत में चार लोग अंदर फंस गए। शुरुआत में दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंची। बाद में इनको बढ़ाकर 16 कर दिया गया। सुबह इनकी संख्या 24 कर दी गई।
इमारत में दाखिल होने का रास्ता न होने के कारण जेसीबी की मदद से साइड की दीवारों को तोड़कर दमकलकर्मी इमारत में अंदर दाखिल हुए। देर रात करीब एक बजे बुरी तरह जला हुआ एक शव पहली मंजिल की सीढ़ियों पर मिला। बाकी दो शव दूसरी मंजिल के दरवाजे से मिले। सुबह करीब 8.40 बजे चौथा शव चौथी मंजिल पर टिन शेड से बरामद हुआ। इनकी पहचान मोहन गार्डन, उत्तम नगर निवासी दिलीप सिंह (62) के रूप में हुई। मृतकों में एक महिला के होने की बात भी की जा रही है। सुबह करीब 9.00 बजे किसी तरह आग पर काबू पाने के बाद पूरी इमारत में सर्च ऑपरेशन हुआ। फिलहाल मृतकों के परिजनों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को अभी तक बस एक महिला मिली है, उसका दावा है कि उसकी मां का कुछ पता नहीं चल रहा है। वह टिशू पेपर की फैक्टरी में काम करती थी।